बाबा रामदेव के शांतिपूर्ण सत्याग्रह के खिलाफ दमनात्मक पुलिसिया कार्यवाही से अभियान भारतीय हतप्रभ है. दिल्ली के युवा साथी सृंजय ठाकुर के नेतृत्व में अभियान भारतीय का एक प्रतिनिधि मंडल आदरणीय बाबा जी के सत्याग्रह में शामिल रहा. और बर्बर पुलिसिया कार्यवाही का चश्मदीद भी. हमारे साथी सृंजय ठाकुर और साथियों के अनुसार बच्चों, वृद्धों और औरतों पर दिल्ली पुलिस के हज़ारों जवानॉ का आधीरात को आकर टूट पढ़ना देखकर उनकी नज़रों के आगे जलिया वाला बाग में अंग्रेजों द्वारा किये गये इतिहास के सर्वाधिक बर्बर दुष्कृत्य की कल्पना जैसे साकार हो आई. पूरे मैदान में चीखपुकार मची हुई थी. लोग घसीट कर बाहर सड़क में डाल दिए जा रहे थे. पुलिस का यह आरोप कि सत्याग्रहियों द्वारा पुलिस पर पथराव किया गया, नितांत झूठा और कपटपूर्ण है. लाठियां खाकर और घसीटे जाने के बावजूद लोग बाबा रामदेव के शान्ति बनाए रखने के आवाहन पर ही अमल करते रहे.
अभियान भारतीय इस दमनात्मक कार्यवाही की घोर निंदा करता है और माननीय प्रधान मंत्री से दरख्वास्त करता है कि इस अमानवीय घटना की उच्चस्तरीय जांच कराये जायें कि आखिर शांतिपूर्ण अनशन में बैठे मासूम जन पर पुलिस का यह कहर किसके इशारों पर बरपा, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर के भारत की लोकतंत्र पर आस्था को पुनर्स्थापित करे. क्योंकि आज की तारीख में इस तानाशाही रवैय्ये ने भारत के लोकतांत्रिक व्यवस्था को गहरा आघात पहुंचाया है.
अभियान भारतीय देश के कोने कोने में सक्रीय अपने सम्माननीय सदस्यों से आदरणीय रामदेव बाबा के पदचिह्न पर चलने के साथ ही देश के बुद्धिजीवियों और चिंतकों सहित देश के युवा साथियों से इस घटना के खिलाफ “निंदा कथन” एकत्र करने का आवाहन करता है ताकि अधिक से अधिक संख्या में प्रेषित कर जन गण मन की भावनाओं से भारत की प्रथम नागरिक महामहिम राष्ट्रपति को अवगत कराया जा सके.
***जय हिंद जय भारत***