जय हिंद,

{भावपूर्ण मुद्रा में कविता पाठ करते "हबीब साहब"}
समस्त आत्मीय जनों को आपके अपने गौरव शर्मा "भारतीय" की और से सादर प्रणाम, आदाब, सतश्री अकाल !! आप सभी के लिए आज "अभियान भारतीय" के मार्गदर्शक एवं प्रेरणाश्रोत आदरणीय संजय मिश्रा "हबीब" जी की "अभियान भारतीय" पर लिखित रचना प्रस्तुत कर रहा हूँ |
आप सभी अपने विचारों से आशय अवगत कराएँ...!!
“अभियान भारतीय”
......
जन जन के मन का गान लिए,
हर भेदों का अवसान लिए
है सूर्य धरा पर उग आया
भारतीयता का अभियान लिए.
चाहे गीता की राह चले,
या मन में ले अल्लाह चले,
सीने में छवि सलीब की हो,
या थामे सदगुरु की बांह चले,
बढते हैं ले छाती अपने
इक भारत की पहचान लिए...
है सूर्य धरा पर उग आया
भारतीयता का अभियान लिए
एका का यह पावन निरझर
है झरता भारत के घर घर
हैं एक गगन के राही सब
है एक लक्ष्य, है एक सफर
हैं चलते आये आज तलक
सब का मन में सम्मान लिए
है सूर्य धरा पर उग आया
भारतीयता का अभियान लिए.
है जोश भगत का छाती में
बिस्मिल के नगमें थाती में
रग रग में है अशफाक बसा
छवि बोस की पाती पाती में
गांधी के सपनों का भारत
है बढ़ता स्व-अभिमान लिए,
है सूर्य धरा पर उग आया
भारतीयता का अभियान लिए.
आओ के हम सब साथ चलें
ले हाथों में सब हाथ चलें
भारत माँ के हैं सपूत सभी
भारत की धूलि ले माथ चलें
हम विश्व पटल पर इठ्लायें
सद् भावों का उत्थान लिए
है सूर्य धरा पर उग आया
भारतीयता का अभियान लिए.
००००

आप सभी अपने विचारों से आशय अवगत कराएँ...!!
“अभियान भारतीय”
......
जन जन के मन का गान लिए,
हर भेदों का अवसान लिए
है सूर्य धरा पर उग आया
भारतीयता का अभियान लिए.
चाहे गीता की राह चले,
या मन में ले अल्लाह चले,
सीने में छवि सलीब की हो,
या थामे सदगुरु की बांह चले,
बढते हैं ले छाती अपने
इक भारत की पहचान लिए...
है सूर्य धरा पर उग आया
भारतीयता का अभियान लिए
एका का यह पावन निरझर
है झरता भारत के घर घर
हैं एक गगन के राही सब
है एक लक्ष्य, है एक सफर
हैं चलते आये आज तलक
सब का मन में सम्मान लिए
है सूर्य धरा पर उग आया
भारतीयता का अभियान लिए.
है जोश भगत का छाती में
बिस्मिल के नगमें थाती में
रग रग में है अशफाक बसा
छवि बोस की पाती पाती में
गांधी के सपनों का भारत
है बढ़ता स्व-अभिमान लिए,
है सूर्य धरा पर उग आया
भारतीयता का अभियान लिए.
आओ के हम सब साथ चलें
ले हाथों में सब हाथ चलें
भारत माँ के हैं सपूत सभी
भारत की धूलि ले माथ चलें
हम विश्व पटल पर इठ्लायें
सद् भावों का उत्थान लिए
है सूर्य धरा पर उग आया
भारतीयता का अभियान लिए.
००००